5 Tips about bhairav kavach You Can Use Today
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आपदुद्धारणो देवो भैरवः परिकीर्तितः ।
ದೀಪ್ತಾಕಾರಂ ವಿಶದವದನಂ ಸುಪ್ರಸನ್ನಂ ತ್ರಿನೇತ್ರಂ
गणराट् पातु जिह्वायामष्टाभिः शक्तिभिः सह ॥ १४॥
बिल्वमूले पठेद्यस्तु पठनात्कवचस्य यत् । त्रिसंध्यं पठनाद् देवि भवेन्नित्यं महाकविः ।।
बटुक भैरव कवच का व्याख्यान स्वयं महादेव ने किया है। जो इस click here बटुक भैरव कवच का अभ्यास करता है, वह सभी भौतिक सुखों को प्राप्त करता है।
पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः
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आपदुद्धारणायेति त्वापदुद्धारणं नृणाम् ।